खूंटी जिले में इसी महीने शुरू होगा बोरीबांध बनाने का बड़ा अभियान, रनिया से होगी शुरूआत: लोकेश मिश्रा रनिया, 8 अप्रैल: बोरीबांध जल संरक्षण का बहुत ही सक्सेसफुल माध्यम है। खूंटी जिले में एक महीने के अंदर एक बड़ा अभियान चलाकर तमाम नदियों और छोटे-बड़े नालों पर बोरीबांध बनाने का काम किया जाएगा। यह बातें खूंटी जिले के उपायुक्त लोकेश मिश्रा ने रनिया के गोईलकेरा गांव में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 के अंतर्गत जल छाजन यात्रा का समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने इस कार्य के लिए तमाम जनप्रतिनिधियों और ग्रामसभा के लोगों से सहयोग की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि जहां छोटे नालों में पानी का थोड़ा भी बहाव है, वहां बोरीबांध बनाए जाएंगे। प्रत्येक नाले पर एक नहीं कई बोरीबांधों का निर्माण किया जाएगा। ताकि गर्मी के मौसम में भी लोगों को सिंचाई, पेयजल और मवेशियों को पिलाने के लिए पानी मिल सके। जलछाजन योजना की प्रसंसा उन्होंने कहा कि एक हप्ते तक रनिया में जलछाजन योजना के तहत वाटरशेड यात्रा का संचालन हुआ। उपायुक्त ने वाटर शेड योजना की प्रसंसा करते हुए कहा कि इससे जल संरक्षण के साथ लोगों को खेती-बारी के लिए पानी मिला, जिससे आजीविका के साधनों का सजन हुआ। ग्रामसभा अपने स्तर से करे जल संरक्षण के प्रयास उपायुक्त ने कहा कि ग्रामसभाएं और ग्रामीण अपने स्तर से जल संरक्षण का काम करें। उन्होंने कहा कि खूंटी जिले में पारंपरिक रूप से जल संरक्षण किया जाता रहा है। उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अब हमें थोड़ा ज्यादा प्रयास करने की आवश्यकता है। कारण है कि विगत कुछ वर्षों से गर्मी के मौसम में लगभग सभी पंचायतों में पानी की भारी समस्या देखने को मिल रही है। इस कारण यह बहुत आवश्यक है कि बरसात के पानी को रोककर हम उसे संग्रहित करने का उपाय करें। नरेगा व 15वें वित्त की राशि से संचालित होंगी जल संरक्षण की योजनाएं समारोह को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि जहां केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा जलछाजन की योजनाएं संचालित नहीं हो रही है, उन गांवों में मनरेगा, 15वें वित्त आयोग और टाइट फंड की राशि से जल संरक्षण की योजनाओं का क्रियान्वयन होगा। उपायुक्त ने कहा कि अगर ग्रामसभा रूचि ले और जल संरक्षण की योजनाओं का प्रस्ताव बनाकर दे, तो जल संरक्षण पर वृहद तरिके से काम हो सकता है। जिला प्रशासन जल संरक्षण के लिए है प्रयासरत उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन इस बात को लेकर प्रयासरत है कि लोगों को गर्मी के मौसम में पेयजल की समस्या ना हो। खेतों को पानी मिले और भूगर्भिय जल स्तर उपर आए। उन्होंने कहा कि जहां भी सिंचाई के लिए पानी होगा, वहां सोलर लिफ्ट एरिगेशन सिस्टम लगाया जाएगा। इसके साथ प्रशासन जल संसाधन विभाग की योजनाओं को भी धरातल पर उतारने का प्रयास कर रही है। भौगोलिक संरचनाओं के अनुसार बनाएं योजना उपायुक्त ने कहा कि ग्रामसभाएं अपने गांव की भौगोलिक संरचनाओं के अनुरूप योजजाएं बनाए। उन्होंने कहा कि गांवों को सिंचाई के साधन मिलेंगे, तो आजीविका के साधन विकसित होंगे और गांवों से पलायन रूकेगा। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण की योजनाओं को जिला प्रशासन उच्च प्राथमिकता दे रही है। किया गया सम्मानित जल छाजन योजनाओं की विशेषता बताते हुए उपायुक्त द्वारा किसानों को वाटर शेड योद्धा के रूप में प्रमाण पत्र प्रदान कर किया गया। वहीं बोरीबांध के माध्यम से जल संचयन और संरक्षण करने के लिए सेवा वेलफेयर सोसाईटी के अध्यक्ष अजय शर्मा को और 32 एकड़ बंजर भूमि को हरा-भरा करने के लिए चैतन्य गौंझू को जल छाजन मार्गदर्शक के रूप में मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान जिला परिषद अध्यक्ष मसीह गुड़िया, उप विकास आयुक्त श्याम नारायण राम, रनिया की प्रमुख नेली डाहंगा, आतमा के परियोजना निदेशक निरंजन कुमार, आत्मा के उपपरियोजना निदेशक अमरेश कुमार, जल छाजन परियोजना के जिला समन्वयक पियूस श्रीवास्तव, बीडीओ प्रशांत डांग, प्रखंड प्रमुख एवं अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
खूंटी जिले में इसी महीने शुरू होगा बोरीबांध बनाने का बड़ा अभियान,
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