गिरिडीह (राजधनवार विधानसभा) के घोड़थंबा में असामाजिक तत्वों ने पुलिस की मौजूदगी में सांप्रदायिक हिंसा फैलाई, खुलेआम तोड़-फोड़, आगजनी की और पुलिस मूकदर्शक बनी रही। बाद में वही पुलिस प्रशासन पीड़ित पक्ष के लोगों को ही निशाना बना रहा है। दर्जनों निर्दोषों को पुलिस ने जिस निर्ममता के साथ पीटा है, वह प्रशासन के दमनकारी रवैये की गवाही दे रहा है।
झारखंड की आम जनता पुलिसिया ज़ुल्म से त्राहि-त्राहि कर रही है। घोड़ाथंबा में हिंसा की साज़िश रचने वाले सरकार के संरक्षण में खुलेआम घूम रहे हैं और कार्रवाई के नाम पर पुलिस निर्दोषों पर बर्बर अत्याचार कर रही है जो बर्दाश्त से बाहर है।
हम इस बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की न्यायिक जांच और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कारवाई की मांग करते हैं।