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देश के वीर शहीद सुनील धान को अंतिम सलाम, अश्रु पूर्ण आंखों से दी गयी विदाई

कर्रा (खूंटी), 13 अप्रैल: देश की अंतरिम सुरक्षा के लिए खतरा बने नक्सलियों से लड़ते हुए शहीद हुए खूंटी के वीर सुनील धान को देशवासियों ने रविवार को नम आंखों से अंतिम विदाई दी। खूंटी जिले के कर्रा प्रखंड अंतर्गत लरता पंचायत के कांटी पोहराटोली गांव के रहने वाले थे। रविवार को पूर्वाह्न लगभग साढ़े ग्यारह बजे जैसे ही सुनील धान का शव लरता के कांटी पोहराटोली पहुंचा, रोने-चिखने की आवाज से माहौल मातमी हो गया। गांव में पहले से ही शहीद सुनील धान की अंतिम विदाई के लिए कब्र खोदकर रखा गया था। बार-बार बेहोश हो रहीं थीं शहीद सुनील की विधवा
शहीद सुनील धान के शव को कब्र के पास लाकर रखा गया। शव के आते ही पत्नी गंदारी धान का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। वह बार-बार बेहोश हो रहीं थीं औj महिलाएं दांतों के बीच चम्मच डालकर पानी के दो घुंट देकर शहीद की विधवा को होश में ला रहे थे। वहीं दो छोटे-छोटे बेटे प्रियांश धान और अनिकेत धान की आंखों में आंसू थे। वे किंकत्तव्यविमुढ़ थे। कभी पिता के शव के पास जाते, तो कभी मां से लिपट जाते। शहीद सुनील धान की बुढ़ी मां फगनी उरांइन को महिलाएं संभाल रहीं थीं। उनका तो बुढ़ापे का लाठी नक्सलियों ने छीन लिया है जिले के एसपी, डीडीसी, एसडीएम समेत अन्य अधिकारियों ने दी श्रद्धांजलि जिले के एस पी अमन कुमार, डीडीसी श्यामदेव राम, एसडीएम दीपेश कुमारी, एएसपी क्रिस्टोफर केरकेट्टा, सुबेदार मेजर सोना राम सोरेन सहित अन्य अधिकारी और पुलिसकर्मी सुनील धान को अंतिम विदाई देने पहुंचे थे। सभी अधिकारियों ने शहीद सुनील धान को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया। शहीद को अंतिम विदाई देते हुए जवानों ने गोलियों से उन्हें सलामी दी। जिसके बाद सरना रीति-रिवाज से शहीद सुनील को मिट्टी दी गई। इस अवसर पर क्षेत्र से हजारों की संख्या में हर वर्ग के लोगों ने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे थे।
देश के लिए मर-मिटने का जज्बा बचपन से था सुनील मे 34 वर्षीय सुनील धान वर्ष 2015 में झारखंड पुलिस के जैप-3 में बहाल हुए थे। उनकी पहली पोस्टिंग धनबाद के गोविंदपुर में हुई थी। देश के लिए मर-मिटने का जज्बा उन्हें बचपन से ही था, और उन्होंने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए प्राणों की आहुति दी। छोटानागरा और जराईकेला की सीमावर्ती जंगल व पहाड़ों पर 12 अप्रैल को हुई थी मुठभेड़ बता दें कि भाकपा माओवादी के शीर्ष नेताओं के सारंडा और कोल्हान के जंगली और पहाड़ी इलाकों में भ्रमणशील और विध्वंषक घटनाओं को अंजाम देने की पुख्ता सूचना पुलिस को मिली थी। जिसके बाद चार मार्च से छोटानागरा और जराईकेला थाना क्षेत्र के जंगली और पहाड़ी इलाकों में नक्सलियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इस ऑपरेशन में जिला पुलिस, कोबरा, सीआरपीएफ और झारखंड जगुआर की टीमें शामिल हैं। इसी अभियान के तहत शनिवार को जब सुरक्षाबल छोटानागरा और जराईकेला थानों की सीमा पर ऑपरेशन में जुटे थे, तभी नक्सलियों ने घात लगाकर हमला कर दिया। पहले आईईडी विस्फोट और फिर अंधाधुंध फायरिंग में दो जवान झारखंड जगुआर के सुनील धान और कोबरा 203 के विष्णु सैनी घायल हो गउए थे। दोनो को बेहतर इलाज के लिए एयर लिफ्ट कर रांची ले जाया गया था। जहां इलाज के क्रम में सुनील धान ने वीरगति को प्राप्त की। इस दु:ख की घड़ी में खूंटी जिला प्रशासन और जिला पुलिस ने गहरी संवेदना व्यक्त की। प्रशासन की ओर से हर संभव सहायता और सहयोग का भरोसा दिलाया। साथ हीं कहा कि जिला प्रशासन शहीद की वीरता और बलिदान को शत-शत नमन करता है, राष्ट्र की सेवा में उनके अदम्य साहस सदा स्मरणीय रहेगा।

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