खुंटी संवाददाता। कर्रा प्रखंड के ऐतिहासिक एवं सुप्रसिद्ध लौंकल मंडा शुरू हो चुका है। इस मंडा में 45 भोक्ताओं ने 9 दिन तक निर्जला उपवास एवं अल्पाहारी, फलहारी खाकर भगवान शिव की भक्ति में लिंन रहेंगे। मान्यता है कि जो भी भोक्ता सच्चे मन से भगवान शिव की निष्ठा और श्रद्धा पूर्वक पूजा अर्चना विधि विधान के साथ करता है उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है। गुरुवार को गांव-गांव जाकर भगवान का पाठ पूजा अर्चना पंडित पवन दास गोस्वामी द्वारा सभी हिंदुओं के घर में जाकर विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कराया। वह भोक्ताओं द्वारा बेंत की छड़ी को लेकर भोले शिव महिमा हे, जय जगन्नाथ का गन के साथ नित्य भी प्रस्तुत किया गया। पाठ भगवान की पूजा के बाद पटभोक्ता सर में उठता है पाट भगवान पर पानी डाला जाता है जो पानी गिरता है उससे बच्चे नहाते हैं और महिलाएं आंचल में लेकर शरीर पर छिटा करती है। मान्यता है कि ऐसा करने से शरीर का रोग दुःख खत्म हो जाता है इस कार्यक्रम में पहिल वंशा फलिन्द्र उरांव,पाट भोक्ता बिरसा उरांव , भंडा वाहक संदिप नायक के अलावा भोक्ताओं उपस्थित थे। पंडित पवन दास गोस्वामी ने बताया की 11 अप्रैल को दिन में ढेड़ बजे लोटन सेवा कार्यक्रम होगा। 12 अप्रैल दिन भर पुजा पाठ के बाद रात्रि में जागरण कार्यक्रम के साथ भोर में धुआं सुआ एंव फुलखुंदी कार्यक्रम में भोक्ताओं ने नंगे पांव दहकते अंगारों में चलेंगे। 13 अप्रैल को झूलन कार्यक्रम के साथ मंडा पुजा सम्पन्न होगा। मंडा परिसर पर मेला का आयोजन प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी लगेगा।
भोले शिवा महि माहे के उद्घोष से शुरू हुआ लौकेल मुंडा पुजा।
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