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राजनीति जन सेवा का एक शानदार माध्यम है

सिलवानी रायसेनवैभव जैन मस्ताना

राजनीति जन सेवा का एक शानदार माध्यम है लेकिन आज के युग में राजनीति को व्यापरीकरण से भी उपयोग किया जा रहा है कई महीनो में देखने में आया है कि कांग्रेस के वरिष्ठ कार्यकर्ता व नजन अपनी पार्टी छोड़कर सत्ताधारी बीजेपी पार्टी में शामिल हुए जो की पार्टी के अनेको कार्यक्रम में मंचों पर अपनी है ढूंढने में लगे रहते हैं वरिष्ठ और पुराने कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर उन्हें धक्का देकर हटाने के प्रयास और अपनी छवि नेताओं के सामने चमकाने में मेहनत करने में जुटे रहते हैं जबकि राजनीति जन सेवा का एक शानदार माध्यम है इस संबंध में नगर के युवा वैभव जैन ओके मस्ताना ने कहा है कि राजनीति में निजी स्वार्थ नहीं होना चाहिए निश्चित के साथ-साथ जनहित के कण में भी कार्यकर्ताओं को ध्यान देना चाहिए जब तक आप आम जनता की समस्याओं को दूर नहीं करेंगे उनकी समस्याएं नहीं सुलझाएंगे जब तक पार्टी का वर्चस्व नहीं बढ़ सकता कार्यकर्ताओं से ही पार्टी की दम और पहचान होती है लेकिन आज की राजनीति में निजी स्वार्थ काफी दिखता है और जनहित के मुद्दे कोसों दूर रहते हैं सभी नेता व कार्यकर्ताओं को छोटे स्तर के कार्यकर्ताओं को भी साथ लेकर चलना चाहिए और उनकी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास निरंतर बड़े स्तर के नेताओं से करवाना चाहिए तभी आपका सम्मान भी उसे कार्यकर्ता की निगाह में बढ़ सकता है, राजनीति जन सेवा का एक शानदार माध्यम है लेकिन आज के युग में राजनीति को व्यापरीकरण से भी उपयोग किया जा रहा है कई महीनो में देखने में आया है कि कांग्रेस के वरिष्ठ कार्यकर्ता व नजन अपनी पार्टी छोड़कर सत्ताधारी बीजेपी पार्टी में शामिल हुए जो की पार्टी के अनेको कार्यक्रम में मंचों पर अपनी है ढूंढने में लगे रहते हैं वरिष्ठ और पुराने कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर उन्हें धक्का देकर हटाने के प्रयास और अपनी छवि नेताओं के सामने चमकाने में मेहनत करने में जुटे रहते हैं जबकि राजनीति जन सेवा का एक शानदार माध्यम है इस संबंध में नगर के युवा वैभव जैन ओके मस्ताना ने कहा है कि राजनीति में निजी स्वार्थ नहीं होना चाहिए निश्चित के साथ-साथ जनहित के कण में भी कार्यकर्ताओं को ध्यान देना चाहिए जब तक आप आम जनता की समस्याओं को दूर नहीं करेंगे उनकी समस्याएं नहीं सुलझाएंगे जब तक पार्टी का वर्चस्व नहीं बढ़ सकता कार्यकर्ताओं से ही पार्टी की दम और पहचान होती है लेकिन आज की राजनीति में निजी स्वार्थ काफी दिखता है और जनहित के मुद्दे कोसों दूर रहते हैं सभी नेता व कार्यकर्ताओं को छोटे स्तर के कार्यकर्ताओं को भी साथ लेकर चलना चाहिए और उनकी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास निरंतर बड़े स्तर के नेताओं से करवाना चाहिए तभी आपका सम्मान भी उसे कार्यकर्ता की निगाह में बढ़ सकता है

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